CM स्वरोजगार योजना में बेरोजगार युवाओं को तरजीह :त्रिवेन्द्र
एक कुंतल पिरुल इकट्ठा करें, सरकार 100 रुपए देगी
Chetan Gurung
कोरोना के कारण रोजगार गंवा बैठे या उम्मीद हार बैठे नौजवानों को उत्तराखंड सरकार ने काम और स्वरोजगार देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज सभी जिलाधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान आगाह किया कि वे इस मसले को गंभीरता से लें। किसी भी एसडीएम की मेज पर सोलर और पिरुल से मुताल्लिक योजना की फ़ाइल एक हफ्ते से अधिक नहीं रुकनी चाहिए।
कोरोना के कारण पहाड़ और प्रदेश के तमाम लोगों की भी नौकरियाँ चली गई हैं। वे महानगरों से पहाड़ अपनी मिट्टी में लौट आए हैं। उनके सामने सबसे बड़ा संकट रोजगार और परिवार के पालन-पोषण का है। मुख्यमंत्री ने इसी मुद्दे पर जिलाधिकारियों संग वीसी की। उन्होंने अपने लक्ष्य और उद्देश्य साफ करते हुए कहा कि सीएम स्वरोजगार योजना में सभी स्वरोजगार योजनाओं को जोड़ दिया जाए। इसके बाद इस योजना में बेरोजगार और जरूरतमन्द युवाओं को ही तरजीह दी जाए।
इसके लिए हर जिले में एक पुरुष और एक महिला स्वरोजगार प्रेरक तैनात किए जाएंगे। वे स्वरोजगार की योजनाओं से जुड़ने के लिए लोगों को प्रेरित करने का जिम्मा संभालेंगे। इस योजना से जुड़ी पिरुल और सोलर प्रोजेक्ट की जरूरी प्रक्रियाएँ वक्त पर पूरी करने पर सरकार का पूरा ज़ोर है। त्रिवेन्द्र ने आगाह किया कि एसडीएम की मेज पर इनसे जुड़ी फाइल जल्दी निकल जानी चाहिए। एक हफ्ता अधिकतम अवधि होगी।
उन्होंने होप पोर्टल पर स्वरोजगार की सभी योजनाओं से जुड़ी सूचनाएँ अपलोड करने का फरमान सुनाया। साथ ही जनप्रतिनिधियों से भी इन योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग लेने पर बल दिया। किसानों के उत्पादों की बिक्री एक समस्या रहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपने उत्पादों की बिक्री को ले के निश्चिंत रहे, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित हो। उद्यान, मुर्गी, मछली, बकरी और भेड़ पालन स्वरोजगार में लाभदायक हो सकते हैं।
त्रिवेन्द्र ने सख्त लहजों में कहा-किसानों को उन्नतशील खेती के प्रशिक्षण का लाभ सिर्फ बंद कमरों तक नहीं रह जाना चाहिए। इसका फायदा खेतों में दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का फायदा उठाने की मंशा रखने वालों को सिर्फ ऑनलाइन सुविधा न दी जाए। उनके लिए ऑफलाइन आवेदन की व्यवस्था भी होनी चाहिए। संबन्धित महकमों को चाहिए कि वे स्वरोजगार योजनाएं किस तरह फायदेमंद हो सकती है, इसके बारे में गाइड लाइन बना के बताएं। आवेदकों को काउन्सलिंग की सुविधा भी दी जाए। हर जिले में मॉडल प्रोजेक्ट स्थापित किए जाएँ।
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि सोलर और पिरुल के प्रोजेक्ट प्राथमिकता में होंगे। इससे जुड़ी योजनाओं की फ़ाइल की समीक्षा जिलाधिकारी नियमित रूप से करेंगे। उन्होंने कहा कि पिरुल एकत्र कर के बेचने पर एसएचजी और विकास कर्ता से जो पैसा मिलता है, उसके ऊपर सौ रौपये प्रति कुंतल सरकार भी देगी। एसीएस (उद्योग) मनीषा पँवार ने बताया कि सीएम स्वरोजगार योजना में सेवा और निर्माण क्षेत्र सेवा के साथ ही ट्रेडिंग को भी शामिल कर लिया गया है।
ऊर्जा सचिव राधिका झा ने बताया कि सोलर में 283 प्रोजेक्ट आवंटित किए गए हैं। इससे 203 मेगावाट बिजली पैदा होगी। 800 करोड़ रुपए का निवेश होगा। यूपीसीएल के साथ कई करार इस बारे में हो चुके हैं। पिरुल के भी 38 प्रोजेक्ट आवंटित कर दिए गए हैं। यूपीसीएल के साथ इनके प्रोजेक्ट के भी करार हो गए हैं।