भ्रष्टाचार-अक्षमता के आरोप थे:हटा के DM को सौंपे चार्ज:अंबरीष की नियुक्ति को ले के भी सवाल थे
Chetan Gurung

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत इन दिनों अलग ही रंगत में हैं। खुद तूफानी रफ्तार से Phantom की तरह दौड़-धूप कर रहे-फैसले ले रहे। भ्रष्टाचार के मामलों में तो कतई ढिलाई नहीं बरत रहे। मंगलवार को उन्होंने लंबे समय से विवादों में रहे भ्रष्टाचार के आरोपी पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा इंजीनियरिंग कॉलेजों के निदेशकों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। दोनों के चार्ज जिलाधिकारियों को सौंप दिए। मुख्यमंत्री के इस कदम से तकनीकी शिक्षा महकमे में खलबली का आलम है।

नन्ही परी सीमांत प्रौद्योगिकी संस्थान पिथौरागढ़ के निदेशक अमरीश विद्यार्थी को ले के लगातार कई शिकायतें शासन को वित्तीय अनियमितता और प्रशासनिक अक्षमता के बाबत मिल रही थीं। उनकी नियुक्ति को ले के भी लगातार सवाल उठते रहे हैं। शासन ने भले वक्त लिया, लेकिन आखिर उन पर गाज गिरा ही दी। विद्यार्थी को UTU में एक शक्तिशाली गुट का समर्थन था। इसके चलते उनको कई अहम जिम्मेदारियाँ UTU की तरफ से भी दी जाती रहीं।

इसी तरह बिपिन त्रिपाठी प्रौद्योगिकी संस्थान अल्मोड़ा के निदेशक प्रो वीएम मिश्रा के खिलाफ भी शासन को कई शिकायतें लगातार मिल रही थीं। मिश्रा जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी, पौड़ी से हैं। उन पर भी भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अक्षमता को ले के शिकायतें सरकार को मिल रही थीं। सरकार ने अपनी जांच में आरोपों को सत्य पाया। इसके बाद उनको भी तत्काल पदमुक्त कर मूल कॉलेज में रिपोर्ट करने के आदेश जारी कर दिए गए।
पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा के कॉलेजों के निदेशक की ज़िम्मेदारी डीएम बतौर प्रशासक देखेंगे। अपर मुख्य सचिव (तकनीकी शिक्षा) राधा रतूड़ी की तरफ से अपर सचिव (तकनीकी शिक्षा) झरना कमठान ने ये आदेश जारी किए। संभावना जताई जा रही है कि विद्यार्थी और मिश्रा को इतने से राहत नहीं मिलेगी। दोनों को ही सरकार की तरफ से उच्च स्तरीय जांच का सामना करना पड़ सकता है। जांच में दोनों को ख़ासी मुश्किलों को झेलना पड़ सकता है।