CM ऑफिस ने जारी किए आदेश:11 मार्च से अपने ही क्षेत्र में प्रवास पर रहने की भी गुजारिश
Chetan Gurung

त्रिवेन्द्र सरकार के चार साल कामयाबी के साथ पूरे होने के उपलक्ष्य पर 18 मार्च को प्रदेश भर में जश्न किस्म के आयोजन होंगे। खास बात ये है कि इन समारोहों-आयोजनों में बीजेपी के MLA-मेयर-सरकार में दायित्वधारियों के साथ ही काँग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष-नेता विरोधी दल और विधायक भी शरीक होंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी सर्कुलर के मुताबिक उनसे भी बीजेपी वालों की तरह 11 मार्च से अपने क्षेत्र में प्रवास की अपेक्षा की गई है।

मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि विकास के 4 साल:बातें कम-काम ज्यादा का आयोजन हर विधानसभा क्षेत्र में किया जाएगा। संबन्धित क्षेत्र के विधायक को आयोजन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। मेयर-जिला पंचायत अध्यक्ष-दायित्वधारी उपाध्यक्ष होंगे। संबन्धित क्षेत्र के सांसद मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता होंगे।

हर विधानसभा में आयोजन होने और पक्ष-विपक्ष के सभी विधायकों को इसमें आमंत्रित करने का मतलब ये हुआ कि काँग्रेस के प्रीतम सिंह, डॉ.इंदिरा हृदयेश भी इन आयोजनों में सिर्फ मौजूद नहीं रहेंगे। ये मुहर भी लगानी होगी कि त्रिवेन्द्र सरकार के चार साल वाकई बहुत कामयाब रहे। जाहिर है कि वे और सभी काँग्रेस विधायक सरकार तथा मुख्यमंत्री की तारीफ करने के लिए बाध्य होंगे।

सरकार का ये फैसला काफी हद तक अटपटा लगना तय है। प्रीतम-इंदिरा-गोविंद सिंह कुंजवाल सरीखे वरिष्ठ काँग्रेस नेता सरकार की कामयाबियों का गुणगान करते दिखेंगे तो दुनिया का सातवाँ आश्चर्य होगा। ये भी बहुत अजीब सा लग सकता है कि उनसे 11 मार्च के बाद अपने क्षेत्र में ही रहने को कहा गया है। बीजेपी वाले तो रहेंगे ही। मुख्य आयोजन मुख्यमंत्री की विधानसभा डोईवाला में होना है। मुख्यमंत्री वहीं रहेंगे।

देखना ये है कि क्या सरकार ने कदम काँग्रेस विधायकों के साथ बैठ के उनकी सहमति से उठाया है, या फिर खुद ही फैसला किया है। इन्दिरा अपने आयोजन में क्या बीजेपी सांसद अजय भट्ट को बतौर मुख्य अतिथि स्वीकार कर सकेंगी? गोविंद कुंजवाल अपने से कहीं कनिष्ठ बीजेपी सांसद अजय टमटा को मुख्य अतिथि के तौर पर कैसे स्वीकार करेंगे ये भी देखना दिलचस्प होगा। जिस सरकार को वे कोसते रहते हैं, उसको विधानसभा चुनाव से एक साल पहले क्या पास होने का सर्टिफिकेट खुद देंगे!
अहम बात तो ये भी होगी कि क्या वाकई काँग्रेस के विधायक त्रिवेन्द्र सरकार की सफलता के चार साल की खुशी में हो रहे आयोजन का हिस्सा वाकई बनेंगे या फिर ये कोई सियासी मुद्दा बन के उभरेगा। दिक्कत वहीं होगी जहां स्थानीय विधायक काँग्रेस के होंगे। बीजेपी विधायक वाली विधानसभा में कोई समस्या नहीं होगी। एक संभावना ये जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री ने सियासी रिश्तों को मजबूत करने के लिए इस किस्म के आयोजन में काँग्रेस विधायकों को भी शरीक करने की सोच को मंजूरी दी है। वैसे अभी तक इस सर्कुलर और सरकार के फैसले का विरोध या कोई प्रतिक्रिया काँग्रेस की तरफ से सामने नहीं आई है।