Getting your Trinity Audio player ready...
|
हल्द्वानी हिंसा के दो आरोपियों को कोतवाली लाया गया है।
एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि अब तक तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं।
एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि “अब तक तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं और पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हमारी टीम मामले में बाकी आरोपियों की पहचान कर रही है। हम अब्दुल मलिक की तलाश कर रहे हैं, जो इस मामले में एक नामित आरोपी है”।
उन्होंने कहा, “हमारे पास एक उचित योजना थी और बल को उसी के अनुसार जानकारी दी गई थी। इलाके में भारी बल तैनात किया। जिला बल स्थिति को नियंत्रण में लेने में सफल रहा है। सीसीटीवी फुटेज और अन्य वीडियो का उपयोग करके हम लोगों की पहचान कर रहे हैं और उनके अनुसार कार्रवाई कर रहे हैं।
हल्द्वानी के बनभूलपुरा में गुरुवार की शाम को हुए उपद्रव मामले में एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि बनभूलपुरा क्षेत्र में हालात पूरी तरह नियंत्रण में है अब तक पुलिस ने तीन अलग-अलग FIR दर्ज की है जिसमें अब तक पांच लोगों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया है। जबकि अन्य उपद्रवियों को चिन्हित करने का काम चल रहा है इस दौरान मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल पर एसएसपी ने कहा कि किसकी मौत कैसे हुई यह अभी जांच का विषय है और इस पूरे घटना का मास्टरमाइंड कौन है इसकी भी जांच की जा रही है।
हल्द्वानी हिंसा को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे कि इतने संवेदनशील इलाका होने के बावजूद भी यहां कार्रवाई करने में जल्दी क्यों की गई। यहां तक कि कांग्रेस के स्थानीय विधायक ने तो सीधे आरोप लगाए कि अधिकारियों की लापरवाही का अंजाम ही हल्द्वानी हिंसा है। लेकिन अब हिंसा के दो दिन बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
हिंसा की आग में हल्द्वानी शहर के जलने, और पांच लोगों की मौत, सैकड़ों लोगों के घायल होने के बाद अब चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। हिंसा के दो दिन बाद खुलासा हुआ है कि एलआईयू ने प्रशासन को एक नहीं दो नहीं पांच बार ऐसी घटना होने के इनपुट दिए थे। लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी।
एलआईयू ने प्रशासन को 31 जनवरी 2024 को दो बार, दो फरवरी 2024 को भी दो बार और तीन फरवरी 2024 को एक बार वबभूलपुरा क्षेत्र में हिंसा और बवाल की चेतावनी दी थी। एलआईयू ने 31 जनवरी 2024 को जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के कार्यकर्ताओं द्वारा आयुक्त कुमायूं मण्डल से वार्ता के दृष्टिगत अलर्ट रहने और बनभूलपुरा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण मस्जिद, मदरसा ध्वस्त किए जाने की स्थिति में भारी विरोध किए जाने की संभावना जताई थी।
दो फरवरी 2024 को एलआईयू ने अतिक्रमण के धवस्तीकरण की कार्रवाई को करने के लिए सुबह का समय सही बताया था। इसके साथ ही इस कार्रवाई से पहले इलाके का ड्रोन से सर्वे कराए जाने की बात कही थी। इसके साथ ही पूरे क्षेत्र में भारी पुलिसबल तैनात करने को कहा था। इसके साथ ही एलआईयू ने धार्मिक स्थल के अंदर पवित्र किताब है या नहीं इसका पता लगाने के लिए कहा था। अगर किताब है तो उसे सम्मान पूर्वक संबंधी मौलवी के सुपुर्द किए जाने को कहा था।
तीन फरवरी 2024 को एलआईयू ने फिर से चेतावनी दी थी कि अतिक्रमण के धवस्तीकरण की कार्रवाई का नोटिस दिए जाने के साथ ही धार्मिक स्थलों की प्रस्तावित ध्वस्तीकरण में विरोध होने की संभावना जताई थी। इसके साथ ही इस कार्य में किसी ना किसी तरह बाधा उत्पन्न किए जान की बात भी कही थी। इसके साथ ही विरोध में अतिक्रमणरोधी की कार्यवाही के दौरान योजनाबद्ध रूप से मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को आन्दोलन में आगे रखे जाने पर बल प्रयोग की स्थिति में आन्दोलन के उग्र होने की चेतावनी दी गई थी।
एलआईयू के इतने बार चेताने के बाद भी प्रशासन और अधिकारियों ने इसे अनदेखा क्यों किया। इसके साथ ही यहां सवाल उठता है कि इनपुट मिलने के बाद भी क्यों प्रशासन ने बिना तैयारी के और जल्दबाजी में अतिक्रमण के धवस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम दिया ? सबसे बड़ा सवाल यहां पर ये उठ रहा है कि हिंसा की आग में जल गए हल्द्वानी शहर और मारे गए लोगों का जिम्मेदार कौन है ?
हल्द्वानी में गुरूवार को जिस तरीके से अतिक्रमण हटाने को लेकर उपद्रवियों के द्वारा अतिक्रमण हटाने गई टीम पर हमला किया गया। उसको लेकर धामी सरकार सख्त नजर आ रही है। धामी सरकार उपद्रवियों खिलाफ एक्शन के तहत कार्रवाई करने के मूड में है। जिसके तहत NSA के तहत करवाई भी की जाएगी। लेकिन उपद्रवियों पर NSA की कार्रवाई को विपक्ष सही नहीं मान रहा है।
हल्द्वानी हिंसा को लेकर धामी सरकार सख्त एक्शन लेने के मूड में नजर आ रही है। जिसके तहत उपद्रवियों की पहचान करने के बाद उनपर एनएसए के तहत करावई की जाएगी। लेकिन विपक्ष उपद्रवियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई को गलत बता रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि एनएसए के तहत कार्रवाई ठीक नही हैं। ये ज्यादातर आंतकवादियों पर की जाती है।
एनएसए नेशनल सिक्योरिटी एक्ट कानून है जिसके तहत यदि किसी व्यक्ति से कोई खास खतरा सामने रहता है तो उस व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है। अगर सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति देश के लिए खतरा है तो उसे गिरफ्तार भी किया जाता है।
सरकार जहां हल्द्वानी की घटनाक्रम को गंभीर मानते हुए सख्त कार्रवाई कर बड़ा संदेश भी देने की कोशिश कर रही है। तो वहीं विपक्ष इस कार्रवाई को भड़काने वाली बता रहा है। हालांकि भाजपा का कहना है कि जो भी कार्रवाई उपद्रवियों पर बनती है वह की जाएगी,किसी भी कीमत पर उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा।
कांग्रेस हल्द्वानी की घटना को अधिकारियों की लापरवाही को भी जिम्मेदार मान रही है। जिसके तहत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जिला अधिकारी और एसएसपी के ट्रांसफर की भी मांग कर रहे हैं। तो वहीं उपद्रवियों पर एनएसए की कार्रवाई को कांग्रेस सही नहीं मान रही है।
हल्द्वानी में गुरूवार को भड़ी हिंसा के बाद से हल्द्वानी में तनावपूर्ण शांति है। माहौल के शांत के होने के बाद बड़ा फैसला लिया गया है। हल्द्वानी में कर्फ्यू को लेकर नया आदेश जारी हुआ है। शहर के कुछ इलाकों से कर्फ्यू को हटा दिया गया है। हल्द्वानी में हिंसा के बाद सख्ती के बाद अब माहौल शांत होता नजर आ रहा है। जिसे देखते हुए प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। शहर के कई इलाकों से कर्फ्यू हटा दिया गया है। क्षेत्र की वर्तमान परिस्थितियों का संज्ञान लेते हुए कर्फ्यू क्षेत्र की सीमाओं तक सीमित करने का फैसला लिया गया है।
अब नगर निगम, हल्द्वानी क्षेत्रान्तर्गत सम्पूर्ण वनमूलपुरा क्षेत्र (आर्मी कैंट (वर्कशॉप लाईन भी सम्मिलित) तिकोनिया- तीनपानी-गौलापार बाईपास की परिधि के अन्तर्गत क्षेत्र को सम्मिलित करते हुए) पूर्णतः बन्द (कर्फ्यू) (नैनीताल-बरेली मोटर मार्ग पर वाहनों का आवागमन एवम् व्यापारिक प्रतिष्ठान प्रतिबन्ध से मुक्त रहेंगे।
कोई भी व्यक्ति अत्यावश्यक कार्यों (मेडिकल इत्यादि) को छोड़कर घर से बाहर नहीं निकलेगा।
शहर में सभी व्यावसायिक संस्थान, दुकानें और उद्योग इत्यादि बंद रहेंगे। केवल हॉस्पिटल व मेडिकल दुकानें खुली रहेंगी।
ये आदेश शासकीय सेवक, पुलिस कर्मी, सशस्त्र बल पर लागू नहीं होगा।
अत्यावश्यक कार्यों के लिए ही नगर मजिस्ट्रेट, हल्द्वानी की अनुमति से यातायात की अनुमति रहेगी।
आज इंडिया एलाइंस और सिविल सोसाइटी के उच्च स्तरीय शिष्टमंडल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महारा के नेतृत्व में हल्द्वानी की बनभूलपुरा में हुई हिंसक घटना के संबंध में उत्तराखंड के महामहिम राज्यपाल से राजभवन में मुलाकात की।
मुलाकात के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महारा जोकि बीते रोज हल्द्वानी घटनास्थल पर स्वयं होकर वस्तुस्थिति का जायजा लेकर आएं हैं, ग्राउंड जीरो की स्थितियों और परिस्थितियों से उन्होंने राज्यपाल महोदय को अवगत कराया। इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी के साथियों की ओर से महारा ने राज्यपाल महोदय से प्रदेश में शांति और सद्भावना स्थापित करने हेतु हस्तक्षेप करने की मांग की।
उपाध्यक्ष संगठन प्रशासन मथुरादत्त जोशी, मुख्य प्रवक्ता गरीमा माहरा दसौनी,महामंत्री याकूब सिद्दीकी,महानगर अध्यक्ष डा०जसविंदर गोगी,पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, राजनेतिक सलाहकार अमरजीत सिंह,प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट,सपा के राष्ट्रीय सचिव एस एन सचान,सीपीआई के समर भण्डारी, सीपीएम के राजेन्द्र सिंह नेगी, और सुरेन्द्र सिंह सजवाण, इंसानियत मंच के रवि चौपडा, वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भटट, सीपीएम माले के इन्द्रेश मेखुरी, आम आदमी पार्टी से रविन्द्र सिंह आनन्द, महिला मंच से कमला पंत और सर्वोदय नेता हरबीर सिंह कुश्वाह मौजूद रहे।