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नगर निगम देहरादून की करोड़ों की जमीन को ठिकाने लगाने की तैयारी चल रही है और इस बात का खुलासा तब हुआ जब स्थानीय विधायक ने पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराया है। बता दें कि नगर निगम की बेशकमती ज़मीन जो अतः कॉलोनी में है। नगर निगम देहरादून की बेश्कीमती जमीन को ठिकाने लगाने की तैयारी चल रही है। निगम ने एक व्यक्ति की सिफारिश पर जमीन को एक्सचेंज करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इस व्यक्ति की जमीन डांडा लखौंड वार्ड में है और निगम की जमीन पॉश कॉलोनी में है। निगम की जमीन की कीमत करोड़ों में है।
बता दें कि मंजूरी मिलने के बाद निगम की इस जमीन पर प्लॉटिंग करने का प्लान है। एटीएस कॉलोनी में नगर निगम की करीब 3800 वर्गमीटर जमीन है। पहले ये जमीन गोल्डन फॉरेस्ट में दर्ज थी। लेकिन बाद में इस जमीन तो सामुदायिक प्रयोग के लिए दिया गया। इस क्षेत्र के वार्ड बनने के बाद इस जमीन को नगर निगम को दे दिया गया। इस जमीन पर नगर निगम द्वारा पार्क बनाया जाना प्रस्तावित है।
लेकिन हाल ही में नगर निगम देहरादून ने इस जमीन को एक्सचेंज करने का प्रस्ताव शासन को सौंपा है। इसके लिए निगम की ओर से शासन को रिपोर्ट भी सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट नें साफ-साफ कहा गया है कि शासन इस मामले में जनहित में कोई फैसला ले। इस पूरे मामले में सवाल ये उठ रहा है कि इस मामले को गोपनीय क्यों रखा गया ? आनन-फानन में इस जमीन तो किसी व्यक्ति को क्यों दिया जा रहा है ? मामले का खुलासा तब हुआ है जब षड्यंत्र के खिलाफ स्थानीय पार्षद ने पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराया है।
बता दें कि एटीएस नें ज़मीन का बाज़ारी भाव 75 हजार रुपए वर्ग गज है। जबकि डांडा लाखोंड में ज़मीन का बाज़ारी भाव 26 हज़ार रुपए से लेकर 45 हज़ार रुपए प्रति वर्ग गज है। स्थानीय पार्षद ने पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसी एक व्यक्ति को लाभ देने के लिए जमीन तो एक्सचेंज किया जा रहा है।