Uttarakhand

कहीं भाजपा की अंदरूनी सियासत के शिकार तो नही हुए अजय कुमार?

Getting your Trinity Audio player ready...

मैक खान –

कांग्रेस और आप के खुलासे से बढ़ी भाजपा मे हलचल

देहरादून। अंकिता के परिजनों के बयान को लेकर राज्य मे अंकिता हत्या कांड को लेकर एक बार फिर राजनैतिक तपिश बढ़ी है, लेकिन उससे भी अधिक कांग्रेस के खुलासे तथा आम आदमी की नसीहत ने इस अंदेशे को हवा दे दी है कि कहीं पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री अजय कुमार भाजपा की अंदरुनी सियासत का शिकार तो नही हुए?

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने मामले मे संगठन महामंत्री अजय कुमार के नाम के आने के लिए भाजपा का षड्यंत्र बताया। बकौल जोशी कांग्रेस इस मामले मे महज अंकिता के परिजनों के पत्र के आधार पर कह रही है, क्योंकि इसमे उनका नाम आया। उन्होंने कहा कि यह सब भाजपा के लोग ही जानते होंगे और उनके बीच से ही यह बात निकलकर आयी। कांग्रेस तो महज यह सफाई मांग रही है कि यह आरोप सही है अथवा गलत।

दूसरी ओर आम आदमी पार्टी भाजपा से आरोप पर जवाब मांग रही है,लेकिन इसे अंदरुनी खींचतान का नतीजा भी होने का संदेह जता रही है।
पार्टी की प्रवक्ता उमा सिसोदिया का कहना है कि
लेकिन इसे पार्टी मे अंकिता भंडारी के मामले मे वीआईपी के नाम का शोर है। विपक्षी दलों के द्वारा भी इस पर प्रतिक्रिया आयी है। जब ऐसे मामले सामने आते हैं तो उसके हर पहलू पर जाना भी जरूरी है। भाजपा के नेता अजय कुमार पर आरोप लगे और फिर सन्नाटा तो क्या हँसिल हुआ। हो सकता है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ आरोप लगे है उनमे सत्यता न हो और जांच की दिशा भटकाने के लिए यह सब हो रहा हो। कोर्ट मे सुनवाई चल रही है तो अब इसका क्या तुक है। कई बार यह सामने आता है कि किसी संगठन मे अंदरुनी खींचतान के चलते किसी को बदनाम कर दिया जाय। अंकिता मामले की जांच कोर्ट मे चल रही है तो इस पर पुलिस और भाजपा संगठन को जांच कर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।जिस से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।

राजनैतिक हलकों मे इसे लेकर तरह तरह की चर्चा है। कांग्रेस अंकिता को लेकर हमलावर है। भाजपा इसे राजनैतिक अवसर भुनाने की रणनीति बता रही है। सवाल और भी हैं जिसमे यमकेश्वर विधायक पर रात मे रिजार्ट मे तोड़फोड़ करने तथा एसडीएम की भूमिका जिन पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ का आरोप विपक्ष लगा रहा है। अदालत मे गवाह ने भी इसका बयान मे उल्लेख किया है।

अगर, कांग्रेस और आप सहित अन्य विपक्षी दलों के खुलासे मे कुछ सच्चाई है तो यह भाजपा के लिए ठीक संकेत नही हैं। अजय कुमार उतराखंड मे लम्बे समय से भाजपा मे बतौर महामंत्री संगठन सेवा दे रहे हैं। उनके कार्यकाल मे पार्टी ने लोस की 5 सीटें जीती तो मिशन 2022 भी फतह किया। इसके अलावा दो उप चुनाव और हरिद्वार निकाय चुनाव मे सफलता भी अर्जित की। भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार अपनों के घेरे मे उलझ गये अब कांग्रेस के खुलासे पर भी मंथन होगा। विपक्ष और अंकिता के परिजनों के द्वारा लगाए गए आरोपों की पार्टी की ओर से सफाई दी जा रही है। हालांकि कांग्रेस ने अब आरोपों को लेकर गेंद भाजपा के पाले मे डाल दी है। कांग्रेस का खुलासा भाजपा के माथे पर भी शिकन डालने वाला साबित हो रहा है। फिल्हाल भाजपा के सामने उस भेदिये को ढूंढने की चुनौती भी होगी जो कि विपक्ष के लिए आसान राह और अपनो के लिए व्यूह रच रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button