Uttarakhand

UKSSSC पेपर लीक: रिटायर्ड जज बीएस वर्मा की निगरानी में जांच करेगी SIT, सचिव गृह जारी किए आदेश

देहरादून: यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) पेपर लीक मामले में गठित एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) उत्तराखंड हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज बीएस वर्मा की निगरागी में मामले की जांच करेगी. उत्तराखंड सरकार ने पूर्व न्यायमूर्ति बीएस वर्मा पर्यवेक्षक बनाया है. सचिव गृह शैलेश बगौली ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं.

सचिव गृह शैलश बगोली की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बीएस वर्मा विशेष अन्वेषण दल (SIT) की जांच प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी करेंगे. उन्हें जरूरत पड़ने पर प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा करने, शिकायतों और अभ्यर्थियों से सीधे संवाद करने के अलावा SIT को मार्गदर्शन देने का अधिकार होगा.

सरकार ने साफ किया है कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष पारदर्शी और तथ्यों पर आधारित होगी. राज्य सरकार ने 24 सितंबर 2025 को पांच सदस्यीय विशेष अन्वेषण दल (SIT) का गठन किया है. इसकी अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक ग्रामीण देहरादून जया बलूनी करेंगी. SIT को पूरे उत्तराखंड में फैले नकल प्रकरण की जांच का जिम्मा सौंपा गया है.

जानिए पूरा मामला: दरअसल, 21 सितंबर को प्रदेश भर में यूकेएसएसएससी का एग्जाम हो रहा था. एग्जाम के एक सेंटर आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज बहादुरपुर जट हरिद्वार था. आरोप है कि इसी सेंटर से पेपर लीक हुआ है, जिसको लेकर प्रदेश भर में हंगामा हो रहा है.

कैसे बाहर आए पेपर के तीन पन्ने: एग्जाम सेंटर आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज बहादुरपुर जट के 18 कमरों में से 3 में जैमर नहीं लगे हुए थे, जिनमें कमरा नंबर 9, 17 और 18 शामिल है. आरोप है कि परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद इंविजिलेटर से अनुमति लेकर मुख्य आरोपी खालिद जो अभ्यर्थी भी था बाहर निकला. परीक्षा 11 बजे शुरू हुई थी. हैरानी इस बात है कि है कि खालिद पेपर अपने साथ लेकर निकला.

आरोप है कि खालिद ने वॉशरूम में जाकर पेपर के कुछ शॉट क्लिक कर तीन पेज अपनी बहन साबिया को भेजे और साबिया ने प्रोफेसर सुमन को. खालिद ने साबिया को पहले सब कुछ बता रखा था. साबिया ने परीक्षा के बारे में सब कुछ जानते हुए भी पेपर के फोटो को प्रोफेसर सुमन के पास भेजा और प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किए.

आरोप है कि सुमन ने इस मामले की जानकारी पुलिस को न देकर उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार को दी. बॉबी पंवार ने ये खबर वायरल की, जिसके बाद पूरे प्रदेश में हंगामा मच गया.

पुलिस ने मामले की जांच करते हुए प्रोफेसर सुमन से पूछताछ की. उसके बाद पुलिस ने साबिया को गिरफ्तार किया. साबिया ने अपने भाई खालिद के बारे में बताया. मामला सामने आने के बाद खालिद फरार हो गया था. बाद में पुलिस ने खालिद को भी गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि अभी तक पुलिस को खालिद का मोबाइल नहीं मिला है, जिसे कई राज छुपे हो सकते है.

अभी तक क्या-क्या हुआ: इस मामले में पुलिस ने अभी तक मुख्य आरोपी खालिद और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार किया है. वहीं उच्च शिक्षा विभाग ने प्रश्न पत्र को हल करने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को निलंबित किया है. इसके अलावा सरकार ने जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक केएन तिवारी को निलंबित किया है.

केएन तिवारी पर परियोजना निदेशक के एन तिवारी को परीक्षा में सुचिता बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन जिस तरह से प्रश्न पत्र के तीन पेज केंद्र से बाहर भेजे गए उस हिसाब से परीक्षा केंद्र में लापरवाही बरती गई है. ऐसे में उक्त अधिकारी पर कार्रवाई की जाए. इसके अलावा हरिद्वार एसएसपी ने दारोगा समेत दो पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया.

वहीं सरकार की तरफ से भी मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो टूक कहा है कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. इस बार जांच को लेकर न सिर्फ SIT बनाई गई है, बल्कि न्यायिक निगरानी भी तय की गई है, ताकि कोई भी दोषी छूट न पाए.

बार-बार सुर्खियों में पेपर लीक: उत्तराखंड में बीते एक दशक से पेपर लीक की घटनाएं राज्य सरकार और आयोग की छवि पर सवाल उठाती रही हैं. वर्ष 2022 और 2023 में भी कई भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने के मामले सामने आए थे, जिनमें बड़े स्तर पर गिरफ्तारी हुई थी. तब नकल माफिया का संबंध कोचिंग सेंटरों और कुछ अधिकारियों से होने की बात भी सामने आई थी. इस कारण युवाओं का आयोग पर भरोसा बार-बार हिलता रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button